चाहे आप एक Blogger हो या एक Author, लेकिन डिजिटल युग में ऑनलाइन लेख लेखन (Online article writing) के लिए Domain और Hosting पहेला स्टेप है और Contents को स्टोर रखने और Internet की दुनिया में पहचान बनाने के लिए दोनों जरुरी बनता है वो तो बहुती आसान है.
बट, सबसे नीडफुलनेस दिमाग से रचनात्मक लेख लिखना (Creative articles writing) डिफिकल्ट है. लेख इस तरह लिखें कि रैंकिंग में सुधार हो और ऑडियंस को भी पसंद आये. बट, इस तरह लेख लिखने के लिए कुछ अवयवों की आवश्यकता होती है.
लेकिन, एक Successful blogger बनने या अच्छे लेख लिखने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बात पर डिपेंड करता है. आप कोई भी हो Content writer हो, Blogger हो या तो Author हो. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता जो संक्षेप में नीचे बताई चारों चीजों नए शब्दो के साथ जुडी है जैसे की,
जूनून: हम कोई चीज को करने में पुरे दुब जाते है तब हमारे फॅमिली और रिलेटिव लोग ये जरूर कहते है, ये लड़का बहुति सोखिन है. क्या आपने खुद को पूछा है मेरा जूनून यानी शोख क्या है. अगर आपको नहीं पता कि आपके शौक क्या हैं? इनके लिए एक लिस्ट बनाएं जिसे करने से आप कभी थकते नहीं हो.
किसी भी इंसान का जुनून (Passion) क्या है वह इससे पता लगा सकता है कि वे किस काम से ऊब नहीं है. अगर आप एक Blogger बनने का या Author बनने का पैशन है तो इनके पीछे दौड़ लगाए.
यदि दूसरे के जूनून से आगे बढ़ने की कोशिस कर रहे है तो ये अपना पैशन नहीं कहा जा सकता है, जब तक अंदर से अपने आपसे कोई करने की रुची ही नहीं है तो आप अपने गोल का भी कोई मकसद नहीं. ये रुची एक दिखावा साबित होती सकती है. इसलिए, अपने Passion को पहचाने, यही एक सफलता का रास्ता तय करता है.
कल्पना: एक Author के रूप में उभरने और एक पेन उठाने से पहले जो की शुरुआती स्टेप है. ये हमे पेन को गाइड करता है, पेन और शब्दो के पहले उनका पहेला Roll होता है.
कल्पना विचारों के साथ जुड़ा हुवा है और विचारों को विकसित करने का केवल एक ही तरीका है, जितना हो सके उतना पढ़ें और वीडियो-इमेज के जरिये इवेंट Visualize करे.
आपको पढ़ने से बहुत सारे विचार आते हैं और आपके पास जितने अधिक विचार होंगे, उन्हें एक खाली कागज पर छपना उतना ही आसान होगा जो खेलते-खेलते एक चुटकियों में लिख पाएंगे.
विचारों: लेखन उद्भव के पीछे सबसे बड़ा रोल ‘Thinking’. क्योंकि, आपकी सोच का विस्तार करता है और आपके लेखन को सुंदरता और परफेक्शन देता है.
कोई भी लेख तभी इफेक्टिव हो सकता है जब उसमें लिखे गए विचारों को स्वतंत्र रूप से सोचा जाए और उन्हें निडर होकर लिखा जाए. विचार ही एक पहेलु है जो रीडर को एंग्रोस्सेड कर देता है और एक अच्छी कहानी लिख कर लाखो रुपये कमाने का मौका एक विचारों में छुपा है.
भाषा: भाषा वह चीज है जो अपने शब्दों और वाक्यों का एक समूह है, जिसके माध्यम से वे अपने मन की बात कह सकते है. एक लेख लिखने के लिए, आपको अपनी बोली जाने वाली भाषा के बारे में विशेष जानकारी होनी चाहिए और Grammar के बारे में भी पता होना चाइये.
अब आपको पता चल गया होगा की एक लेख (Article) लिखने से पहले क्या चीजे जरुरी है और इन चीजों के बाद अपने विचारों द्वारा नोट की जगह आज एक Online blog ने अपनी जगह ले लिया है तो, आपके पास एक सही Article writing format होना चाहिए जो आपके Readers के लिए या उस लेख को सुनने के अंत तक बने रहेगा.
एक सफल लेख लिखने का तरीका
मैं आपको ‘एक अच्छा लेख कैसे लिखें’ और लिखने का सही Format क्या है इसके बारे में पूरी जानकारी देने जा रहा हुँ तो शुरू से अंत तक जरूर पढ़े. भले आप एक Blogger user हो, Content writer हो या एक WordPress user हो ये लेख सब के लिए है.
आप एक नए Blogger है या SEO friendly post लिखना चाहते है या तो शुरुआत से सीखना चाहते है इनके लिए ये Lekh बहुति मददगार रहेना वाले है.
1. एक विचारकी सूची बनाये (Make a list of ideas)
जब कोई चीज लिखने के बारे में सोचते है और आपको लगता है की मेरे लेखन के साथ में मेल खाता है तो उनके एक नोट बुक में लिखते रहे है या जब आप किसी Post के लिए प्रेरणा पाते हैं, तो इसे एक नोटबुक या शब्द फ़ाइल में लिखें. अगर ऐसा नहीं करना तो ब्लॉगर पोस्ट में ड्राफ्ट बनाये.
आप नए है तो शुरुआती दिनों में विचार के पीछे समय खर्च होने से ड्रॉप न करे. क्योंकि, ये कई ब्लॉगर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए, लिखने के विषय को खोजने में आधा और इससे अधिक समय लग जाता है.
जब आप लिखने के लिए तैयार हों तब अधिक Creative contents विचारों को वेपन्स के लिए एक विचार सूची होने से आपको एक नई पोस्ट में जल्दी आगे जाने में मदद मिलेंगी.
एक बार विचारने के बाद आगे स्टेप के लिए बढ़ना है यानी की एक पोस्ट में जो आपने विचार को रखा है उसे लिखना शुरू कर देना है. यदि, आप शुरुआत से ही लेख लिखने में प्रेरित रहेंगे तो रीडर अपने आप जुड़ने में सक्षम रहेंगे हैं. वे आपकी दूसरी पोस्ट का भी इंतजार करेंगे.
2. कंटेंट्स की लंबाई कितनी होनी चाहिए (What should be the length of the contents)
ये सबसे महत्पूर्ण है जितना लंबा कंटेट लिखोंगे उतना ही रैंकिंग फैक्टर में इम्प्रूव, ऑर्गेनिक कीवर्ड्स की सख्या बढ़ेंगी, रीडर पर पॉजिटिव इफ़ेक्ट पड़ेगी और अपनी Info से रीडर संतुष्ट होंगे. इन सारे चीजों पर Positive impact पड़ेगा.
एक सामान्य Blog post के लिए मिनिमम 500 Words count होना चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि सर्च इंजिन एल्गोरिथम उनको रैंक कराता है जिनका कंटेट लंबा, यूनिक और पूरी इन्फो के साथ SEO फ्रेंडली हो.
Writing assignment में एक पैराग्राफ दो बार सेम नहीं आना चाहिए. सबसे पहले, आपको अपने रीडर के लिए सबसे उपयोगी और इंस्ट्रक्शनल सामग्री प्रदान करनी चाहिए जो उनकी खोज का Purpose set करती है.
3. पंक्टएशन का उपयोग करे (Use punctuation)
पंक्टएशन का अर्थ विराम चिह्न होता है. विराम चिह्न रीडर को दृश्य संकेत प्रदान करता है. पंक्टएशन का उपयोग वाक्यों को स्पष्ट और समझने में आसान बनाता है, और पंक्टएशन का उपयोग वाक्यों को अलग करने, विराम देने, और विचारों को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है, फंक्शन के कुछ मुख्य प्रकार भी जैसे की,
- अल्पविराम
- अर्धविराम
- कोलन
- कोटेशन मार्क्स
- एपॉस्ट्रॉफ़ी
- डैश
इन सारे विराम चिन्हों का शब्दो और पैरेग्राफ के साथ उपयोग करे, जहा जरुरी बनता वहा ही उपयोग करे.
4. कीवर्ड रिसर्च करें (Do Keyword Research)
रीडर एक पुस्तक की इंडेक्स देख कर, पब्लिकेशन या ऑथर देखकर बुक खरीदते है. लेकिन Online पर बिलकुल अलग ही है जो कीवर्ड्स से लोग लेख तक पहोचते है. आपका एक ब्लॉग है, जिसका अर्थ है कि आप चाहते हैं कि यह खोज इंजन परिणामों में उच्च रैंक करे.
इसके लिए अपने कंटेट्स के रिलेटेड रिसर्च टूल की मदद से सही कीवर्ड फंड आउट करना होगा की किस Keywords पर वॉल्यूम और सीपीसी सबसे ज्यादा है.
कीवर्ड वह है जो आपके Audience खोजते हैं, जब आप सही कीवर्ड Research करने के बाद एक ब्लॉग पोस्ट लिखते हैं, तो आपका ब्लॉग पोस्ट टॉप खोज परिणामों में दिखाई देगा, साथ में Relevant keywords भी डालना चाहिए.
5. पोस्ट टाइटल में क्या लिखे (What should be written in the post title)
आपको उस कंटेंट के अनुसार अपना Title चुनना है जिस पर आपका Lekh है और एक बात याद रखें कि आपका टाइटल जो भी हो, इसमें लेख का मुख्य शब्द होना चाहिए यानी की मुख्य कीवर्ड टाइटल के शब्दो में होना चाइये.
जैसे की उदाहरण के तौर पर, मेरा ये लेख है ‘लेख कैसे लिखते है’ उसी पर तो मैंने टाइटल “ब्लॉग पोस्ट पर न्यू लेख कैसे लिखे” इस टाइटल में मैंने मुख्य कीवर्ड “लेख कैसे लिखे” भी शामिल किया.
और ये भी ध्यान रखना है की Search engine पर कोई दूसरा टाइटल वाले पोस्ट पहले से प्रेजेंट है या नहीं. ब्लॉग पोस्ट का टाइटल यूनिक ही रखे और मैक्सिमम 70 Characters लंबा रख सकते है.
6. उपशीर्षक का उपयोग करें (Use subtitles)
रीडर का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक उपशीर्षक (Subheading) का उपयोग कर सकते हैं, रीडर को यह बताने के लिए एक सहायक सबहेडिंग की आवश्यकता है कि आपके कंटेट क्या है और किस बारे में चर्चा करना की हैं.
हैडिंग और सब-हेडिंग का मतलब H1, H2, H3, H4, H5, H6 Tag होता है. आपको H1 टैग देने की जरूरत नहीं क्योंकि ये पोस्ट के हैडिंग यानि की टाइटल में डिफ़ॉल्ट रूप से थीम कोडिंग की गई होती है.
बस आपको पोस्ट के शुरुआत में कुछ पैरेग्राफ लिखने के बाद H2 का इस्तेमाल करना है. बाद में जरूरियात हिसाब से आगे ब्लॉग पोस्ट में Sub headline का इस्तेमाल कर सकते है.
और ये भी ध्यान रखे की बाकि के Subheading में Keywords में थोड़ा बदलाव लाये. यदि, आप चाहे तो सब हैडिंग के पेराग्राफ के साथ रेलवेन्ट कीवर्ड्स मैच हो तो लिख सकते है.
जैसे की उदाहरण से मान लीजिये मैंने आर्टिकल्स (लेख) के बारे में लेख लिखा है तो,
H1 (टाइटल): लेख क्या है? लेख कैसे लिखे जाते है और SEO frendly लेख लिखने का फॉर्मेट क्या है?
H2: लेख क्या है?
H3: ब्लॉगर ब्लॉग में लेख लिखने का तरीका
H4: किस फॉर्मेट में लेख लिखना सही है
7. लेख सरल बनाये (Simplify Articles)
आप कंटेट को Difficult Phrases और शब्दो का उपयोग करने से ओडिन्स लेख को समझने में अनेबल रहता है. जब रीडर को सही से समझमें नहीं आता तो आपके Blog से चले जाते है और दिखावा करने के लिए अनावश्यक रूप से कठिन पर्यायवाची शब्द का उपयोग न करें, नहीं व्याकरण में मिस्टेक होनी चाहिए.
अपनी Post को सभी के लिए समझने योग्य और सही से समझ में आये इस तरह का शब्दो का उपयोग करे और भी ध्यान रखना है की पैराग्राफ को छोटा रखें. क्योंकि, रीडर लंबे पैराग्राफ से बोरिंग फीलिंग करेंगे.
SEO अनुकूलित एक ब्लॉग पोस्ट में, दो से तीन या मैक्सिमम चार लाइन तक का Paragraphs बनाये. लेख नेचर रूप से लिखे और एक कीवर्ड को बार-बार उपयोग करे, यह Google के अगेंस्ट है इसे कीवर्ड स्टफिंग भी कहा जाता है.
8. पोस्ट में छवियों का उपयोग करें (Use images in post)
इमेज से कंटेट एक शॉर्ट रूप की एक पहचान है ये तब पहचान होगी की जब आपने Blog पोस्ट में Contents friendly इमेज डाली होगी तब एक SEO friendly image मानी जाएँगी.
बस इतना ही नहीं एक Image कंटेट रिलेटेड बनाने के बाद, Alt tag में Image के हिसाब से नाम डालना होगा.
उदाहरण, जैसे की इस लेख में थंबनेल इमेज, लेख के बारे में है तो अलटर टैग में “ब्लॉग पोस्ट में लेख कैसे लिखे” या तो “एक अच्छे लेख कैसे लिखे”
आपने ब्लॉग पोस्ट में Main Title लिखा है वो आप Alt tag और Image name में लिख सकते है और इमेज की साइज को ऑप्टिमाइज़ भी करनी चाहिए, यानि की कम साइज रखनी है जिससे आपकी वेबसाइट या ब्लॉग की लोडिंग स्पीड फ़ास्ट रहेंगी.
9. मेटा डिस्क्रिप्शन ऑप्टिमाइज़ करें (Optimize meta description)
मेटा विवरण आपके Contents का सारांश है जिसका उपयोग Google search results में आपके टाइटल के नीचे दिखाने के लिए करता है. यहाँ पर आपका Lekh जिस बारे में है उस हिसाब है और मुख्य कीवर्ड के साथ उपयोग करना है.
सर्च रिजल्ट में रीडर को अपने Blog post पर क्लिक करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है. इसलिए, इसे आकर्षक और इन्फोर्मटिवे बनाना महत्वपूर्ण है और पोस्ट Meta descriptiom की लंबाई 155-160 वर्णों के बीच होना चाहिए.
मेटा विवरण SEO friendly कैसे लिखे इस बारे में पूरी विस्तार से जानना चाहते है तो हमारे Already लेख पब्लिश है, पढ़ने के लिए नीचे दी लिंक पर क्लिक करे.
- Read: Description kaise likhe
10. पोस्ट में लिंक जोड़ें (Add Link to Post)
Link रीडर को दूसरे पोस्ट पढ़ने के लिए और बाउंस रेट कम करने के लिए इंटरनल और एक्सटर्नल दोनों प्रकार के लिंक्स जरुरी है.
इंटरनल लिंक वो है जो अपने ही ब्लॉग पोस्ट को जोड़ने से बनती है उसे इंटरनल लिंक कही जाती है. इस लिंक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह Reader को वेबसाइट पर अधिक समय तक टिके रहने में मदद करता है.
एक्सटर्नल लिंक जो अपने Blog post में बाह्य यानि की अन्य ब्लॉग की Link को External link कहते है और अपने पोस्ट में उच्च गुणवत्ता, विश्वसनीय और इन्फॉर्मेशन वेबसाइट की लिंक जोड़ने से आपकी वेबसाइट की Reliability में सुधार होगा. यदि आप पुअर क्वालिटी, स्पैम लिंक जोड़ने से आपकी साइट को नुकसान हो सकता है इसलिए इस बात रखे ध्यान.
11. पोस्ट यूआरएल कैसे होना चाइये (What should be the post url)
URL का अर्थ यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर (Uniform Resource Locator) है और URL को समझने का सबसे सरल तरीका इंटरनेट पर किसी चीज़ का पता या स्थान है.
यहाँ आपको ध्यान रखना है की जैसे आपने टाइल नाम दिया है वही सेम यूआरएल में लिखना है या तो आप टाइटल से थोड़ा अलग लिखना चाहते है तो भी लिख सकते है लेकिन Main keywords इसमें शामिल होना चाहिए. URL की लंबाई मैक्सिमम 50 शब्दों तक लिख सकते है.
उदाहरण के लिए, इस Blog का यूआरएल https://webbloggertips.com/
और इस ब्लॉग पोस्ट के यूआरएल https://webbloggertips.com/लेख कैसे लिखे/
कई लोग डिफ़ॉल्ट डेट वाला यूआरएल रहने देते है, ये सर्च रिजल्ट पर अच्छा नहीं दीखता. फिर अपने ब्लॉगर या वर्डप्रेस पर कस्टम यूआरएल का उपयोग करे सिर्फ शब्दो का ही स्ट्रक्चर होना चाहिए, नहीं नंबर और सिंबोल का उपयोग करना.
12. अपना पोस्ट सोशल नेटवर्क्स के जरिये लोगो तक पहुँचाये (Make your post reach people through social networks)
पोस्ट एसईओ फ्रेंडली लिखने के बाद अंत में पब्लिश करना फिर उसे ऑडियंस तक पहुँचाने के लिए सोशल नेटवर्क जैसे की फेसबुक, ट्विटर, टंबलर वगेरे पर पोस्ट शेयर करे.
जितना हम इसे पसंद करते हैं, उतना ही लिखना पसंद करते हैं सच तो ये है हमें अपने लेखन के लिए एक वाइड, कंसिस्टेंट ऑडियंस तक पहुँचने के लिए ब्लॉगिंग के लिए एक फोकस कीवर्ड की आवश्यकता है.
यही एक मात्र रास्ता है जो पोस्ट को रैंक कराने में, आय अर्जित करने में और अच्छा ट्रैफिक ग्रोथ होने में मदद कर सकता है.
मैंने आपको ऊपर बताये गाइडलाइन को ध्यान में रख कर ब्लॉग पोस्ट लिखेंगे तो जरूर सफल होंगे. सच में आप एक बड़े Blogger बनना चाहते है तो ऊपर दिया सभी सुझाव का उपयोग करने का प्रयास जरूर करे.
मुझे पूरी उम्मीद है की ये Article जरूर पसंद आया होगा. यदि आपके कोई प्रश्न हैं तो उन्हें नीचे दिए गए टिप्पणी बॉक्स में लिखें, आपके पास कोई अन्य सुझाव है वो भी हमे बताये ताकि हम आपके लिए कुछ नया कर सकें.
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