आज के हर बच्चे डिजटल को अच्छे से ऑपरेट करना जानते है, वे जब अपने हाथों से कोई चीज पकड़ना सीख जाते है तब से शुरू हो कर चार साल बाद तो पूरा स्मार्टफोन, लैपटॉप वगेरे चीजों के ओपेरटर बन जाता है. इन दिनों, जब वे कुछना कुछ ऐप खोलना, कैमरा से Capture करना आदि जैसे गतिविधिओ करते रहते है और Mobile device अपने हाथों में खिलौने की तरह महसूस करते हैं.
पांच-छे साल के बच्चे दो साल के बच्चे से ज्यादा शरारती और जिद्दी होते, इस केस में पेरेंट्स को Phone या Laptop देने के लिए मजबूर हो जाते है, बच्चे के हाथ में आने के बाद डिजिटल ऑपरेटिंग सिस्टम को पूरी तरह नाश कर देते है. बट, वो सही ढ़ग से नहीं जानते कि ये क्या चीजे, ऐसे करने ऐसा होगा.
या आपके पर्सनल डेटा, ऐप्स, गलती से व्हाट्सअप पर Msg कर देना और एडल्ट कंटेंट से भी खतरा हो सकता हैं. इन दिनों, कुछ भी बच्चों को गैजेट, कंटेट्स और इंटरनेट का उपयोग करने से नहीं रोक सकता है और फ़ोन बच्चों की शिक्षा और विकास का एक मुख्य हिस्सा बन गए हैं, अगर सही तरीके उपयोग किया जाये तो उनकी वृद्धि विकास हो सकता. लेकिन, जैसे फ़ोन पर हाथ लगते ही Game खेलने लगेंगे तो उनकी पूरी लाइफ खेलने में लगे रहेंगी और आगे विकास में भी बाधा डालती है.
जब से लैपटॉप और स्मार्टफोन की ब्रिकी और उपयोगीता बढ़ी है तब से पेरेंट्स होने के नाते यह एक कठिन काम हो गया हैं. इनका भी हल है जो डेवलपरने कुछ Software की मदद से बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने वाले पीसी सॉफ्टवेयर, ऐप्प्स, टीवी ओएस पर Parental Control फीचर भी दे रखी है.
क्या है? ‘Parental Control’
Parental controls एक ऐसी फीचर्स है जो Digital television services, Computer और Video games, Mobile और Software में शामिल होता है ये फीचर्स बच्चों तक सामग्री की पहुंच को प्रतिबंधित करने की अनुमति देते हैं.
ये Features से एल्डर कंटेट्स को अपने बच्चों द्वारा देखने योग्य कुछ कंटेट्स को प्रतिबंधित करने की क्षमता में मदद करने के लिए बनाए गए हैं. यहाँ वो कंटेंट की बात है जिन्हें वे अपनी उम्र, मेचुअर के लेवल के लिए अनसूटेबल या अधिक वयस्क दर्शकों के लिए लक्षित मानते हैं.
Internet की बढ़ती उपलब्धता के कारण, दशकों से कंटेट्स पर Parental controls की मांग बढ़ी है, क्योंकि बच्चे पोर्नोग्राफी, वर्स आर्टिकल्स, डिजिटल ओऐस में छेड़-छाड़ वगेरे गतिविधियों पर ध्यान बनाये रखने पर बुरी असर पड सकती है.
सर्वे के हिसाब से पता चला है कि 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे Online pornography videos और Image देखे पकडे गए है. अगर हम अपने बच्चे को इसे दूर रखना चाहते है, तो बस दो तरीका है जो डिजिटल टूल्स में Parental controls का उपयोग करके रोक सकते है और दूसरा डिजिटल उपकरण से दूर रखे.
बच्चों को ऑनलाइन या ऑफलाइन गतिविधियों की मॉनिटरिंग करने और घर पर हो या ना हो. लेकिन, आपके घरेलु कंप्यूटर या लैपटॉप, स्मार्टफोन या अन्य डिवाइसो को आपके बच्चे के लिए Safe बनाने को ही Parental controls कहते है.
पैरेंटल कंट्रोल का उपयोग कैसे कर सकते है?
सभी डिजिटल डिवाइस में Different features के साथ उपलब्ध होता है, Parental controls तक पहोचने का रास्ता भी डिफरेंट होता है.
लेकिन सभी डिवाइस में उनका काम सामान है जो बच्चों के बिना परमिशन से कंटेट्स तक नहीं जा सकते और इनमें दिए गया पासवर्ड से गुजरना पड़ता है. आपको अपने डिवाइस में ये पता करने की आवश्यकता है की ये Parental control features कहा दी गई है.
बस एक बार ढूढ़ निकालने के बाद गाइड के मुताबित आपको सेट कर लेना है. अगर आप Windows में ये सिस्टम रखना चाहते है तो इसमें भी New user create करके जरुरी Program apps tick mark करके यूजर पर पासवर्ड भी रख सकते है और Time भी सेट कर सकते है जैसे टाइम खत्म होने पर आटोमेटिक पासवर्ड लग जाते है जिसे बच्चो को भी लिमिटेड पीरियड विंडोज ऑपरेट कर सकते है.
ऐसे कई थर्ड-पार्टी फ्री और Premium software भी है जो विंडोज, मैक और एंड्राइड के लिए उपल्बध है, बस थोड़ा बहुत कंप्यूटर ज्ञान है तो भी आसानी से Parental control features एक्टिव कर सकते है.
तो हमे कमेंट में बताये की पैरेंटल कंट्रोल से जानके के बाद कैसे महसूस कर रहे हो, क्या अब से Parental control का उपयोग करके अपने बच्चों को बुरे कंटेट्स को दूर रख पाएंगे.
अगर आप इनका सहारे लिए बिना बच्चों को दूर रखना है तो बस एक ट्रिक्स है वो क्या है! की बस आप बच्चे के सामने Digital tools का उपयोग कम किया करो.
क्योंकि, बच्चों आपकी कॉपी करते है इसलिए छोटे बच्चे शुरुआत से चीजें पकड़ना सीखते ही आप से स्मार्ट रोल प्ले करने लगता है. मुझे पता है की आप ऐसे नहीं कर पाएंगे, यदि ऐसा है तो Parental control का उपयोग करना शुरू कर सकते है.