हम सभी जानते है की बिना सिम कार्ड से किसी भी फोन का इस्तेमाल नही किया जा सकता है और क्या आपको पता है की Sim का मतलब Subscriber Identity Module होता है. यह एक छोटी सी चिप होती है, पिछले वर्षों में, सिम कार्ड का आकार कम किया गया था, हम कई सालों से मिनी सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इसके बाद माइक्रो और नैनो सिम का चलन शुरू हो जो वर्तमान तक चल रहा है. लेकिन, इसके अलावा वर्तमान की बात करें तो अब eSIM मार्केट में आया है जो कई लोग इसके बारे में जानते नहीं की ये क्या है और कैसे काम करता है.
क्योंकि, एप्पल ने अपने नए फ़ोन XS और Max में इस का इस्तेमाल किया गया है. तब से सभी के मन में ये सवाल उत्पन्न हो रहा है की ये किन ब्रांड में सपोर्ट होगा, होगा तो क्या लाभ होगा ये सभी सवाल इस लेख में देखने वाले है, बस आप आगे लेख पढ़ना जारी रखना है.
ई सिम क्या है? (What is eSim in Hindi)
eSim full form Embedded sim card होता है. ये छोटी चीज जो आपके फोन को आपके सेलुलर प्रोवाइडर के नेटवर्क से कनेक्ट करने की अनुमति देती है. जब आप एक नया फोन खरीदते हैं तो आप अपने Sim Card को अपने स्लॉट में डालते है या नया खरीते है.
लेकिन, ये eSIM card बिलकुल अलग है. क्योंकि, जैसा कि नाम से “एम्बेडेड” भाग से पता चलता है, यह वास्तव में फोन के मेनबोर्ड में बनाया गया है.
यह एक NFC चिप के समान Rewritable है और सभी प्रमुख Carriers के साथ संगत होगा, चाहे वे किसी भी प्रकार के नेटवर्क का उपयोग करें हो.
फोन पर E-sim install करने की आवश्यकता नहीं होती, फिजिकल सिम की सभी सेवाओं को ई-सिम के जरिए एक्सेस किया जा सकता है, यह एक प्रकार की चिप है जो सिम कार्ड की तरह काम करती है.
ई-सिम फ़ोन डेवेलोप के साथ इनस्टॉल किया जाता है और आप इसे निकाल नहीं सकते. इसके अलावा, आप इसे सभी डिवाइस पर इनस्टॉल नहीं कर सकते. टेलीकॉम कंपनियां द्वारा सिम एक्टिवेट किया जाता है. इसकी खासियत यह है कि ऑपरेटर बदलने के बाद आपको सिम कार्ड बदलने की जरूरत नहीं है. सबसे बड़ी बात तो ये है की स्मार्टफोन में सिम कार्ड स्लॉट की भी जरूरत नहीं रहेंगी.
और ट्रवेल करने वाले लोग के लिए सबसे ज्यादा फायदा होगा. अन्य देशों की यात्रा करते समय स्थायी सिम कार्ड आपके नंबर तक पहुंच की अनुमति नहीं देते है. ऐसे में आप अपने फोन में ईसिम रोमिंग को एम्बेड कर सकते हैं. इसके साथ आपको रोमिंग चार्ज नहीं देना होगा, सबसे महत्वपूर्ण बात, ईसिम आपको दूसरे देश की यात्रा के दौरान इसका उपयोग करने लिए योग्य है.
ई-सिम काम कैसे करता है.
अगर आपके पास एक Physical और eSIM है और दो अलग-अलग नेटवर्क से जुड़े हैं, तो आपका iPhone एक ही समय में स्क्रीन पर दोनों नेटवर्क शो करेंगा. आप इस छोटी सी चिप से दूसरा सिम लगा सकेंगे यानी आप दो नंबर यूज कर पाएंगे.
आप चाहें तो ई-सिम का नेटवर्क भी बदल सकते हैं और आपको इस सिम को निकालने की जरूरत नहीं होगी. अगर आपने एयरटेल ई-सिम वाला आईफोन खरीदा है और आप ई-सिम बने रहना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं.
दोनों एक ही काम करते हैं, लेकिन ई-सिम को सामान्य Physical सिम की तुलना में अधिक कुशल माना जाता है. आपको इसके अलावा अन्य सिम के साथ चलने की आवश्यकता नहीं होगी ई-सिम के जरिए आप दो कंपनियों के अलग-अलग डेटा पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं. कॉलिंग प्लान का इस्तेमाल कर सकते हैं और दो नंबर भी रख सकते हैं.
ई-सिम किन Devices पर सपोर्ट करेंगा.
Apple ने Apple Watch Series 3 और Watch Series 4 और Series 5 के साथ-साथ iPhone XS और XS Max और iPhone XR के साथ-साथ नए iPhone 11 और iPhone 11 Pro और Pro के लिए eSIM का रुख किया है.
और गूगल ने Pixel 2 भी eSIM का समर्थन किया था, लेकिन यह मूल रूप से केवल Google के Google Fi के लिए अमेरिका में उपयोग के लिए है. अभी इंडिया में नहीं हुवा, आशा है आने वाले साल के अंत तक जरूर लॉन्च होगा.
ये टेक्नोलॉजी आगे सभी कंट्री में उदय होगा और होना चाहिए. क्योंकि बड़े आसानी से नेटवर्क ऑपरेटर स्विच कर सकते है वो भी कस्टरमर ऑपरेटर से कॉल करके आसानी चेंज कर सकते है और रीराइटर फीचर्स होने से ऑपरेटर बदलाया जा सकता है साथ में ट्रैवलर के लिए भी बहुति अच्छा है. क्योंकि, बंडल की तरह Sim इकट्ठा करने की जरूरत नहीं है.
अब मुझे आशा है की ई-सिम क्या है, कैसे काम करता है और किन डिवाइस में सपोर्ट करता है ये सारी जानकारी के बारे में समझ चुके है. अगर आपके मन में ई-सिम के बारे में कोई सवाल है तो हमे कमेंट के माध्यम से जरूर बताये.
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verry good onformation bru thanks for sharing this articles
Nice very informative
Aapne bahut achhi Jankari share kiya hai. thank you