क्या आपने कभी सोचा है कि आजकल हमें समय की कमी क्यों महसूस होती है? चाहे आप एक छात्र (Student) हों, एक सफल बिजनेसमैन बनने की कोशिश कर रहे हों, या जीवन में अपने लक्ष्यों (Goals) को हासिल करने की चाहत रखते हों, इस सवाल पर सीरियसली से विचार करना बेहद जरूरी है.
इस लेख में हम समय की कमी (Samay Ki Kamee) के पीछे के कारणों पर चर्चा करेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि टाइम की कमी (Time Ki Kamee) का अनुभव आखिर क्यों होता है, साथ ही, हम कुछ उपयोगी टिप्स भी साझा करेंगे जो आपके Time management को बेहतर बना सकते हैं.
समय की कमी (Samay Ki Kamee) का कारण क्या है?
आजकल Time Management की समस्या हर किसी को परेशान कर रही है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे पूर्वजों को इस तरह की Problem का सामना क्यों नहीं करना पड़ता था?
हर किसी को 24 घंटे का ही Time मिलता है, चाहे वह 19वीं सदी का व्यक्ति हो या आज का, लेकिन जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा और तकनीक का विकास हुआ, हमारे जीवन की गति तेज होती गई, और इसी के साथ टाइम की कमी महसूस होने लगी. आइए इसे सरल भाषा में थोड़ा डीप जाकर समझते हैं.
1. पिछली पीढ़ियों का जीवन सरल था
हमारे पूर्वजों का जीवन धीमा और सादा था, उस दौर में रोजमर्रा के कामों के लिए बहुत समय होता था क्योंकि,
- कोई इंटरनेट या मोबाइल नहीं थे जो ध्यान भटकाएं नहीं करता था.
- फैक्ट्रियां और 9 से 5 की नौकरियां नहीं थीं, इसलिए काम का समय फ्लेक्सिबल था
- ज़िंदगी घड़ी की सुइयों के हिसाब से नहीं चलती थी, लोग अपने नेचुरल समय पर काम और आराम करते थे
उस Time की Daily Routine में किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं थी, जिससे जीवन में Balance बना रहता था और समय की कमी जैसा अनुभव नहीं होता था.
2. इंडस्ट्रियल रेवोलुशन और घड़ी का महत्व
19वीं सदी के अंत में Industrial Revolution के साथ जीवन में बड़ा बदलाव आया, फैक्ट्रियों और दफ्तरों में काम करने का समय घड़ी के हिसाब से तय होने लगा. लोग एक निश्चित समय पर काम पर जाते और लौटते थे और धीरे-धीरे, इंसान को घड़ी के अनुसार अपनी जिंदगी चलानी पड़ी, जिससे समय की पुनक्तुअलिटी और तनाव बढ़ने लगा.
अब जिंदगी पहले की तरह फ्लेक्सिबल नहीं रही, काम के घंटों और आराम के समय को अलग-अलग बांटना जरूरी हो गया, जिससे लोगों पर ज्यादा दबाव महसूस होने लगा.
3. टेक्नोलॉजी के आने से जीवन में तेजी
आज हमारे जीवन में कई नई तकनीकें आ चुकी हैं जैसे Mobile phones, Internet, Social media, Cars, Airplanes, और Smart Devices, ये सब Technology हमारा काम आसान तो बनाती हैं, लेकिन इनके साथ ही कई नई समस्याएं भी पैदा होती हैं. जैसे की,
- सोशल मीडिया पर बहुत समय उसलेस होता है, जो अभी भी आप समज रहे भी फिर भी इसका उपयोग कर रहे है.
- नोटिफिकेशन और संदेश बार-बार हमारा ध्यान भटकाते हैं.
- ऑनलाइन मीटिंग्स और चैट्स ने हमें हर वक्त व्यस्त बना दिया है
- तेज रफ्तार वाली जिंदगी में आराम के लिए समय कम होता जा रहा है.
इस तरह टेक्नोलॉजी ने काम को आसान तो बनाया, लेकिन इसके कारण हम हर समय व्यस्त और थका हुआ महसूस करते हैं.
4. गैर-जरूरी कामों पर समय खर्च करना
आजकल हम गैर-जरूरी कामों में बहुत समय लगा देते हैं, जैसे,
- घंटों सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करना
- ऑनलाइन गेम्स और वीडियो में उलझे रहना
- फालतू की चैटिंग और दूसरों की जिंदगी में बेवजह दखल देना
इन सब चीजों का हमारे गोल्स या जीवन के पर्पज से कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन हम इन्हीं में उलझे रहते हैं और दिन खत्म होते-होते समय की कमी महसूस करते हैं.
5. तनाव और एक्सेसिव विकल्पों की समस्या
आज हमारे पास हर काम के लिए कई विकल्प हैं, जिससे निर्णय लेने में समय ज्यादा लगता है. इतना ही नहीं, ज्यादा काम और हर वक्त Online उपलब्ध रहने की वजह से तनाव भी बढ़ता है. स्ट्रेस की वजह से लोग चीजों को टालने लगते हैं, जिससे समय बर्बाद होता है और फिर टाइम की कमी का अनुभव होता है.
समय की कमी को दूर कैसे करें?
- सोशल मीडिया और अन्य बेकार की चीजों पर समय कम करें
- हर दिन का शेड्यूल बनाएं और उस पर टिके रहें
- जो काम जरूरी नहीं हैं, उन पर ध्यान न दें
- इंट्रोवर्ट बनकर अपने काम पर फोकस करें, दूसरों की जिंदगी में बेवजह रुचि न लें
- आराम और काम के बीच बैलेंस बनाए रखें ताकि आप तनावमुक्त रहें
इतना समझने के बाद यह कहा जा सकता है कि नई तकनीकों ने ही हमारे जीवन में समय की कमी का सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है.
यदि आप इसे साबित करना चाहते हैं, तो इसका सरल उपाय यह है कि थोड़ी दूरी बनाकर इन तकनीकों को देखें. मेरा इंटेंट यह नहीं है कि पूरी तरह पुराने जमाने की Lifestyle अपना लें, बल्कि यह सुझाव है कि Mobile, Internet और Chatting जैसी Activities पर कम समय स्पेंट करें.
या तो दूसरे शब्दों में कहे तो समय की कमी का मुख्य कारण यह है कि आजकल हम वो काम करते हैं, जिनकी हमारे जीवन में कोई भूमिका नहीं है.
आप सिर्फ 15 दिन Social media, गलत शौक, दूसरे के बारे में सोचने से दूर रहे और इंट्रोवर्ट रहने की कोशिस करे, इन चार चीजों फ़ो फॉलो करने से आपके पास समय की कमी नहीं रहेगी, और भी कई सारे बेनिफिट हो सकता है.
कहने का मतलब ये भी नहीं कि आपको कभी भी Social media का उपयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि सोशल मीडिया को केवल अपने बिसनेस या सेवा को बढ़ावा देने के लिए करें, फालतू लोगों से चैटिंग करना, घंटों सोशल मीडिया पर फालतू पोस्ट देखना बहुत गलत है.
आज के समय में लोग पैसों को समय से ज्यादा महत्व देते हैं, लेकिन सच तो यह है कि समय, पैसों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है, यही समय हमें Wealth, Prosperity और Happiness की ओर ले जाता है, यदि आप समय का सही प्रबंधन सीख जाते हैं, तो जीवन की अधिकतर समस्याएं ऑटोमैटिकली ही सुलझ जाएंगी.
समय का उपयोग केवल दोस्तों के साथ खाने-पीने, खेलने या आलसी गतिविधियों में न करें। इन पर अधिक ध्यान देने के बजाय अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहें, एक सिस्टेमेटिक Schedule बनाएं और अपने Goals को हासिल करने की दिशा में रेगुलर रूप से प्रयास करें.
जब आप अपने समय का सही उपयोग करना सीखेंगे, तो दिन और महीनों में सभी काम समय से पहले पूरे हो जाएंगे, लेकिन इस सफलता के लिए सबसे पहले अपनी सोच को बदलना आवश्यक है, थोड़ा अंतर्मुखी (Introvert) रहना भी फायदेमंद हो सकता है.
हमे उम्मीद है कि मेरा यह छोटा सा लेख आपको जरूर पसंद आया होगा, यह सभी के लिए उपयोगी साबित हो सकता है, लेकिन इसका लाभ उठाने से पहले आपको अपनी Daily Activities की रफ्तार को धीमा करके यह समझने की जरूरत है कि आपका समय आखिर कहां स्पेंड हो रहा है.