GDPR क्या है? What is GDPR (General Data Protection Regulation)?

क्या आप GDPR से परिचित है? यदि आप इंटरनेट यूजर है तो आपको GDPR के बारे में जानना आवश्यक है. दरअसल, इंटरनेट साल 2015 के बाद धीरे-धीरे बढ़ने लगे और आज सभी लोग internet पर पूरी तरह communicate है.

आज के समय में communicate के लिए डॉक्यूमेंट, बिल पे, मनी ट्रासंफर और जरूरियात चीजों को ऑनलाइन खरीदारी के लिए बीना सोचे हम अपनी पर्सनल डिटेल भी कंपनी के साथ share कर देते है, ये बिना सोचे लिया गया लीक या चोरी जैसे परिणाम हमें भोगतना पड़ता है.

ऐसे लीक का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन कई विज्ञापन आपको Spin win, Rs.99 mobile win, lucky draw जैसे प्रलोभन दे कर आपकी personal information लेने की कोशिस करते है, फिर हम एक साइबर शिकार बन जाते है, ऐसे कई ऑनलाइन fraud बिसनेस चल रहा है.

इस साइबर से लेकर data protection के लिए देश भर में अपनी चिंता महसूस की है, इसलिए यहाँ पर data को सुरक्षा लेयर बनाये रखने के लिए GDPR को बनाया गया है हम में से ऐसे कई लोग हो सकते है की इस बारे में कोई भी जानकारी न हो, इसलिए मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगो को GDPR के बारे परिचित करवा दिया जाये.

GDPR क्या है? What is GDPR (General Data Protection Regulation)?

GDPR full form ‘General Data Protection Regulation’ होता है ये लॉ विचार यूरोपीय संघ (EU) के कानूनों को ऑनलाइन गोपनीयता और डेटा सुरक्षा से संबंधित ऑनलाइन युग की जटिलताओं के अनुकूल बनाना है, ये रूल पुरे देश के नागरिक को सुरक्षा के लिए बनाया गया है.

कई बड़े ऑनलाइन व्यवसाय व्यक्तिगत डेटा के निरंतर प्रवाह पर भरोसा करता हैं जो हम हर दिन इंटरनेट पर वितरित करते हैं और हमारे कुकीज़ से Google खोज तक या हम ऑनलाइन या अन्य रूपों में सर्वे कैसे दर्ज करते हैं, इसके बारे में विवरण प्रदान करते हैं.

ये रूल साल 2016 में यूरोपीय संसद और यूरोपीय संघ की परिषद द्वारा सहमत जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) बनाया गया. लेकिन, इसका अमल साल 2018 में किया गया, इस नए नियम के तहत डाटा की मॉनिटरिंग की जाएगी उसमें आपकी पूरी जानकारी, बैंक डिटेल, मोबाइल नंबर, इंटरनेट आई. पी एड्रेसजैसे यूजर्स की ओर से स्वयं साझा की गई जानकारी शामिल होगी बल्कि कुकीज की बैकग्राउंड ट्रैकिंग और ब्राउजर हिस्ट्री जैसी जानकारी भी एनालिसिस की जाएँगी.

इस लॉ सभी कंपनी पर लागु होता है और इन कंपनियों को उनका फॉलो करना फर्ज है, कंपनी अनुपालन न करने पर उसे पेनल्टी देनी पड़ेगी साथ में उनका सभी पर्सनल इन्फो कलेक्ट करके GDPR स्टोर रखते है और कस्टरमर को कैसे सर्विस दे रहे है, इन चीजों पर नजर रखता है.

ये सब मॉनिटरिंग यूरोपियन संघ द्रारा नियंत्रण किया जाता है, जिससे कंपनी कस्टरमर को गुमरा करके काला धन कलेक्ट न कर सके, इन दोनों पर कंट्रोल हो सके और भी कई सारे GDPR के पीछे बेनिफिट है.

General Data Protection Regulation से यूजर और कंपनी दोनों को फायदा होगा, यूजर को अपने पर्सनल डेटा पर फुल कंट्रोल मिलेंगा और कंपनी को लॉ GDPR के रूल मुताबित काम करना होगा, जिसे कम्पनियाँ पर कंट्रोल मिला रहेंगा.

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तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताये की GDPR आने से आप कितना खुश है और ये भी बताये की ये लेख GDPR के बारे में जानकारी पढ़कर आप क्या महसूस कर रहे है.

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