Fake Websites से कैसे बचें?

Internet उन Websites से भरा है जो या तो नकली (Fake Websites) हैं, धोखेबाज हैं या एक घोटाला है. हा, जानते है की इंटरनेट हमारी वृद्धि का बड़ा सोर्स है और इंटरनेट का विकास हमारे साथ जिस तरह से खरीदारी, बैंक और हमारे आस-पास की दुनिया के साथ बातचीत करता है, उसमें बहुत सुविधाजनक प्रगति हुई है.

इनके साथ Cyber ​​crimes भी बढ़ते जा रहा है, ये वो लोग होते है जो, नहीं अपनी जिंदगी की परवाह, बिना जॉब और नहीं कोई काम इन वातारण में रहे लोग बस एक ही रास्ता अपनाते है लूटना!

हमारे इंटरनेट दुनिया में किसी को मुँह दिखाए बिना लूटना या गलत रास्ता पर ले जाना वगेरे ये सब आसान है. इसलिए, आपको भी जागृत रहना जरुरी है. आप Online कोई भी Website से डील करते है तो पहले जरूर इस लेख को पूरा पढ़े.

आपको कभी-कभी लग सकता है कि हमें Fake websites सहित सभी दिशाओं से स्कैम प्राप्त हो रहे हैं, सौभाग्य से, एक बार जब आप बेसिक ज्ञान से भरपूर रहेंगे, तो Fake websites (How to check website fraud or not?) ढूंढना बहुत मुश्किल नहीं है, बस नीचे बताये गए स्टेप्स को ध्यान में रख कर Fake websites identify (फेक वेबसाइट्स की पहचान) कर सकते है.

1. वेबसाइट के यूआरएल चेक करे,

आपको आश्चर्य हो सकता है कि कितने लोग अपने ब्राउज़र के एड्रेस बार को अनदेखा करते हैं. हालाँकि, एड्रेस बार में महत्वपूर्ण जानकारी होती है कि आप कितने सुरक्षित हैं. इसलिए जब भी आप किसी नए पेज पर जाएं, तो यूआरएल को देखने की आदत डालें.

यह जानने के लिए कि क्या आप सही वेबसाइट पर हैं, सबसे पहले, वेबसाइट के URL को ध्यान से देखें. क्योंकि URL एक ही वेबसाइट से हो सकता है, नकली वेबसाइट का URL या तो गायब होगा या किसी वर्ड्स में जोड़ा होगा और साथ में ये भी देखना है की URL address bar के ऊपर Website के आइकॉन (जिसे हम फ़ेविकॉन कहते है) दिखाई दे रहा है या नहीं, अगर नहीं तो संदेह कर सकते है की ये फर्जी वेबसाइट हो सकती है.

2. HTTPS चेक करे,

एड्रेस बार में कई कनेक्शन संकेत हैं जो आपको बताते हैं कि क्या इस वेबसाइट से आपका कनेक्शन निजी है. हा, जो लोग ब्लॉगर के साथ जुड़े है वो जरूर जानते है की HTTPS क्या है. ये हमारी वेबसाइट के कवच के रूप में सिक्योरिटी बनाई रखते है और हैकर अटैक से भी बचा जा सकता है.

ये डोमेन नाम के पहले आता है, अगर आप कोई शोपिंग, या कोई अन्य वेबसाइट पर विजिट करते है तो पहले अपने अड्रेस बार में यूआरएल की शुरुआत में ये HTTPS का संकेत है या नहीं ये जरूर चेक कीजिए, अगर नहीं है तो जरूर फर्जी साइट हो सकती है.

यहां याद जरूर रखे की शॉपिंग और बैंकिंग वेबसाइटों को HTTPS प्रोटोकॉल की कम्पलसरी आवश्यकता होती है. जब पहले HTTPS के बिना सिक्योर रहते थे, जिसका सिग्न HTTP है जो ये सिक्योर को नहीं दर्शाता. उस समय इंटरनेट पर व्यावसायिक गतिविधि वास्तव में अवैध थी. इंटरनेट को मुख्य रूप से शिक्षा और सरकार के बीच सूचनाओं के मुक्त आदान-प्रदान के लिए एक मंच माना जाता था.

साइबर हमले बढ़ने के साथ आज सभी ओनर अपनी वेबसाइट को सिक्योर रखने के लिए प्रोवाइडर से भुकतान करके HTTPS सर्टिफिकेट खरीद कर विजिटर या कस्टरमर को भरोशा दिलाने के लिए और हैकर अटैक से बचने के लिए SSL certificate यूज़ करने लगे है.

3. पॉलिसी पेज चेक करे,

अधिकांश व्यवसायों में एक Policy होती है वे चाहते हैं कि आप उनके उत्पादों से खुश रहें है, इसलिए वे आपको खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए रिटर्न स्वीकार करेंगे. यदि कोई वेबसाइट कुछ बेच रही है और आपको उसकी सेवा की शर्तें नहीं मिल रही हैं, तो यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है.

कोई भी वेबसाइट हो इसके हैडर या फुटर पर अपने प्रोडक्ट के बारे में कस्टरमर को कोई हानि न हो. इसलिए कस्टरमर हेल्प, रिफंड, मनी बैक गॅरेंटी वगेरे पेज लिंक्स मिल जायेंगे, इससे ग्राहक को भरोषा दिलाने के काम करता है, ये जरूर चेक करना. यदि इस लिंक्स या पेज न मिले तो जरूर Fake websites हो सकती है.

अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते है तो Commercial जैसी वेबसाइट में अड्रेस, ईमेल और फ़ोन नंबर भी नजर न आये तो जरूर 100% फ्रॉड वेबसाइट है ऐसा मान सकते है.

4. नो रिव्यु,

कोई प्रोडक्ट हो इसके बारे में इन्फो और इमेज जैसे कुछ नजर न आये तो ये जरूर Fake websites (नकली वेबसाइट) हो सकती है. यदि आप Review नहीं देखते हैं, तो सावधान रहें. जिस वेबसाइट पर से कोई चीज आप खरीदने का विचार कर रहे हैं वह एक फ़िशिंग साइट हो सकती है, या हो सकता है की वह नकली सामान बेचती है.

इसलिए कोई प्रोडक्ट या चीजें खरीने से पहले इनके बारे इन्फो और इमेज जरूर चेक करे और ये भी जरूर चेक करे की ये चीज कितने लोगोने ख़रीदा है, फीडबैक और रैटिंग कैसा है ये सब देखने के बाद ही अगले कदम रखे.

5. सेफ ब्राउज़िंग करे,

कई बार क्या होता है Software development खुद ब्राउज़र बना कर ब्रांडेड वेबसाइट की तरह मेक करके अपने ब्राउज़र के बारे में इन्फो पेस्ट करके यूजर की सारी जानकारी देख सकते है. आप Private id login करते है तो वो भी चुरा सकते है और ऐसी कंडीशन में आप एक सायबर का शिकार बन सकते है.

इसलिए स्टैण्डर्ड, फेमस और सेफ ब्राउज़र का उपयोग करे, जैसे की Chrome, Mozila, Tor, Brave, Safari, Internet Exploare वगेरे जैसे ब्राउज़र सेफ और फ़ास्ट है. जिसकी मदद से हम Fraud website से बच सकते है.

हमारे ये आर्टिकल्स भी पढ़े,

गूगल क्रोम क्या है, विंडोज़ के लिए सबसे तेज़ ब्राउज़र कौन से हैं, लेटेस्ट माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर डाउनलोड कैसे करे

आप हमेशा जागृत से काम ले, कभी भी सुरक्षा से संबंधित सुविधाओं को कम मत समझिए, कुछ भी ऑनलाइन खरीते समय या हमेशा बैंकिंग करते समय सावधान रहें और कभी भी किसी भी लेनदेन में लापरवाही न करें.

अगर आप एक एडवांस यूजर है तो आपके लिए ऑनलाइन वेबसाइट है जो कोई भी साइट्स के बारे में इन्फो प्रदान करते है, बस अपने ब्राउज़र ओपन करके और टाइप करे WHO.IS इस साइट पर कोई भी डोमेन यानि की वेबसाइट की रजिस्ट्रेशन से लेकर तमाम जानकारियां मौजूद होती हैं.

अब मुझे लगता है की Fake websites की जाल में नहीं फसेंगे और सतर्क से काम लेंगे.

लेकिन अपने फ्रैंड्स और फॅमिली को इन फ्रॉड वेबसाइट से बचने के स्टेप्स के बारे में बताने न भूले और ऐसे लेख पढ़ते रहने के लिए हमारी सदस्यता ले ताकि हर आने वाली पोस्ट आपके ईमेल में मिल सके.

Add Comment